वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसले

INFO.INDIA

             वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख फैसले 



    

गरिमा के साथ मरने का अधिकार




मुद्दा:

क्या गरिमा के साथ मरने का अधिकार संविधान का अनुच्छेद 21 के तहत गारंटी के साथ जीने के अधिकार के अन्तर्गत एक मौलिक अधिकार था ?

निर्णय:

शीष अदालत की पाँच सदस्यों वाली संविधान पीठ (मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, ए.के. सिकरी, ए.एम.खानविलकर, डी.वाई.चंद्रचूड़ और अशोक भूषण) ने अपने फैसले में मनुष्यों लो पूरी गरिमा के साथ मृत्यु का वरण  करने का अधिकार देने की बात कही।  



अनुच्छेद 370 




मुद्दा:

जम्मू- कश्मीर को अनुछेद 370 द्वारा दिया गए विशेष दर्जे की समाप्ति 

निर्णय:

CJI डीवाई चंद्रचूड़  अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने संशोधन के अनुच्छेद  370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार  के कदम को बरकरार रखा।  यह अनुच्छेद पूर्ववत्ती राज्य जम्मू- कश्मीर  विशेष दर्जा  देता था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जम्मू - कश्मीर में सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने  के साथ - साथ जल्द से जल्द राज्य का दर्जा  भी निर्देश दिया।  अपने फैसले में , सुप्रीम कोर्ट ने संघ से सहमति व्यक्त की थी कि अनुच्छेद  370 एक अस्थायी प्रावधान था क्युकी इसे संविधान के भाग XXI के  गया था।  

 


समलैंगिक विवाह 


मुद्दा:

विवाह समानता के लिए याचिका 

निर्णय:

17 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की पीठ ने सुप्रियो @ सुप्रिया चक्रवर्ती बनाम भारत संघ मामले में आपना फैसला सुनाया, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 की वैधता को बरकरार रखा और समलैंगिक विवाह को वैध  बनाने से इंकार कर  दिया।  हाँलाँकि केंद्र को भारत में समलैंगिक जोड़ो के अधिकारों को देखने के लिए एक केबिनेट  समिति गठित करने का आदेश दिया गया।